दहकते अंगारों पर आस्था का सफर, कुल्लू में चमत्कार
कुल्लू, 28 जुलाई।
दहकते अंगारों को चलकर पार करना। यह दृश्य अपने आप में रोमांचित करने वाला है। देव शक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण कुल्लू के भुंतर स्थित पिपलागे में नैणा माता मंदिर में देखने को मिला है।
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माता गुर और चेलिया दहकते अंगारों पर चल कर निकले, लेकिन उन्हें कहीं थोड़ी सी खरोंच तक नहीं आई। मौका था माता के दरदार में जाग उत्सव का। पूरी रात माता के गुर और चेलियां मंदिर के प्रांगण में नाचते रहे।
मंदिर के प्रांगण में आग भी जलाई गई थी। जब आग अंगारों में तबदील हो गई तो इसके उपर चलने का क्रम शुरू होता है। देर रात तक देवनृत्य चलता रहा।
करीब चार दर्जन चेलियां के शरीर में देवी देवतांओं ने प्रवेश किया और इसके बाद देव नृत्य शुरू हुआ और अंगारों पर चलने लगे। बुधवार रात्रि को माता नैणा का जागरण (जाग) धूमधाम से मनाया गया। इस जाग महोत्सव में माता कोयला, माता शीतला
अपने कारकूनों ओर हारियानों सहित विशेष रूप मौजूद रहे। इस मौके पर भजन मंडली ने भजन कीर्तन के माध्यम से माता की महिमा का बखान कर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। माता के पुजारी अमित महंत ने बताया कि रात्रि एक बजे माता नैणा,
भद्रकाली अपने कारकूनों, हारियानो सहित ढोल नगाड़े के साथ मंदिर में प्रवेश किया और अंगारों के चारों ओर परिक्रमा की। भद्रकाली माता के पुजारी अमित महंत ने बताया कि इस जाग की अद्भुत बात यह है कि यहां पर माता के गुरु, चेलियां आग के
अंगारों पर चलते हैं। माता रानी की कृपा से किसी के भी पैर में आंच तक नहीं आई। जाग के दिन माता ने सभी भक्तों के दुखों का निवारण किया। सभी को मनवांछित फल प्रदान किया।
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मान्यता है कि माता रानी नारियल से सभी भक्तों के ग्रहों का निवारण करती हैं। यह परंपरा कुल्लू के इस मंदिर में वर्षो से चली आ रही है। हजारों की संख्या में इस दौरान लोग मौजूद रहे। देर रात तक लोगों ने देव शक्ति के प्रत्यक्ष दर्शन किए।
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