POLITICAL NEWS

सुक्खू सरकार ने सत्यापन की प्रकिया क्यों बंद करवाई : जयराम ठाकुर

हिमाचल समय, शिमला, 13 सितम्बर।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि कांग्रेस सरकार ने पिछली सरकार के समय प्रवासियों के सत्यापन और पंजीकरण की व्यवस्था को क्यों बंद किया?

यह भी पढ़े : प्राकृतिक खेती पर नौणी विवि में अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

इस तरह की प्रक्रिया क़ानून सम्मत है और पूरे देश में होती है। इस विषय में सरकार के मंत्री द्वारा सदन में भी प्रश्न उठाया गया लेकिन इसका जवाब न मुख्यमंत्री दे रहे हैं और न ही प्रशासन दे रहा है।

क़ानून सम्मत तरीक़े से हर व्यक्ति की पहचान करने की प्रक्रिया को बंद करने के पीछे सरकार की मंशा क्या थी? यह भी मुख्यमंत्री को स्पष्ट करनी चाहिए।

इस तरह की ढील दिए जाने के कारण ही ऐसी स्थिति आई है कि मंत्री को सदन के भीतर कहना पड़ रहा है कि हिमाचल में रहने वाला प्रवासी कौन है?

कहाँ से आया है? क्या करता है? इसकी कोई जानकारी नहीं हैं। यह स्थिति ख़तरनाक है। जयराम ठाकुर ने कहा कि हर भारतीय को देश के किसी भी कोने में जाकर रहने तथा बिना रोक-टोक व्यवसाय करने का अधिकार है।

लेकिन सब कुछ विधि सम्मत तरीक़े से होना चाहिए। इसीलिए सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसा मैकेनिज्म विकसित किया है कि हर व्यक्ति के बारे में उसके नियोक्ताओं को पता हो सके।

इसके लिए कहीं पर भी काम करने वाले लोगों का सत्यापन करवाया जाता है, चरित्र प्रमाण पत्र लिया जाता है। जिससे उस व्यक्ति की पहचान हो सके। सभी प्रदेशों ने मिलकर इसके लिए नीति, नियम और  इंफ़्रास्ट्रक्चर बनाए

हैं। इस पर भारी-भरकम बजट खर्च होता हैं। आपात स्थिति में यह प्रक्रिया क़ानून व्यस्था देखने वाली एजेंसियों के लिए बहुत कारगर साबित होती हैं।

लेकिन सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने इस तरह के सत्यापन की प्रक्रिया को रुकवा दिया। ख़ास लोगों को बहुत सारी रियायते दी गई।

जयराम ठाकुर ने कहा जब मस्जिद सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बनी है तो इस भवन को सरकार द्वारा तुरंत सील करना चाहिए और सरकार को अपने नियंत्रण में लेना चाहिए।  

इस भवन में कोई भी गतिविधि ना हो उसको सुनिश्चित करना चाहिए। इसके साथ ही बाहर से हिमाचल आ रहे लोगों का सत्यापन और पंजीकरण किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

यह भी पढ़े :   रारंग में सात दिवसीय बज्र गुरू मंत्र का अखंड जाप शुरू

अगर प्रवासी हिमाचल में व्यवसाय कर रहे है तो उनके लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सख़्ती से लागू करना चाहिए। क्योंकि लाइसेंस तो स्थानीय लोगों के द्वारा किए जा रहे हर छोटे बड़े काम का बनता है।

इससे सरकार और स्थानीय प्रशासन को यह पता भी रहेगा कि कौन, कहां, क्या कर रहा है और उसके द्वारा किए जा रहे व्यवसाय के उत्पाद की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।

हिमाचल की ताज़ा खबरों के लिए join करें www.himachalsamay.com

apex ad

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button