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शूलिनी विश्वविद्यालय में हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन

सोलन, 19 सितम्बर।

उदार कला और प्राचीन भारतीय ज्ञान संकाय, शूलिनी विश्वविद्यालय द्वारा  हिंदी दिवस के  उपलक्ष्य में  हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।  हिन्दी दिवस  भारत में प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है।

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14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की आधिकारिक भाषा होगी। हिंदी दिवस कार्यक्रम में सहायक प्रोफेसर हिंदी डॉ. प्रकाश चंद, कविता और पलक, डॉ. सिद्धार्थ, डॉ. एकता सिंह,

डॉ. दिवाकर शर्मा, प्रोफेसर नासर, चेन, इंदु, इवान और सिद्धार्थ और प्रोफेसर तेजनाथ धर ने भाग लिया। जिसमे हिंदी साहित्य के महत्व और युवा प्रतिभाओं में इसकी जागरूकता और भूमिका पर जोर दिया गया

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के संकाय, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों की भागीदारी देखी गई। कवियों में मंजू शर्मा, सलोनी, स्वर्णिम सुप्रकाश, प्रियंका ठाकुर, मानसी प्रियदर्शी, सीमा बिष्ट, पीहू जादौन,

सलोनी वर्मा, न्यासा तिरिया, श्रेया, हर्षित राज, मानस (मृदुल) पाठक, जानवी, हेमंत कुमार शर्मा (सहायक प्रोफेसर अंग्रेजी) शामिल हैं। , कलश धांता, अदिति, कविता,  कमल गौतम, डॉ. एकता सिंह (इतिहास की सहायक प्रोफेसर),

डॉ. नमिता गंडोत्रा, डॉ. डीडी शर्मा, आदित्य रोहिला, कौस्तुभी शास्त्री और पूजा कुमारी ने अपनी कविताओं  से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया हिंदी कवि

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अपने समापन भाषण में, चित्रकोट स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड एंशिएंट इंडियन विजडम की प्रमुख डॉ. पूर्णिमा बाली ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला।  सभी प्रतिभागियों को भागीदारी प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।

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