अनुशासन, आत्मविश्वास लाने के लिए NCC की भूमिका की सराहना
शिमला, 13 जुलाई ।
डॉ. यशवंत सिंह परमार परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कैडेट्स के बीच अनुशासन,
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नैतिक मूल्यों और आत्मविश्वास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की सराहना की।
विश्वविद्यालय परिसर में 1 एचपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी सोलन द्वारा आयोजित 10 दिवसीय वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (एटीसी 197) के दौरान कैडेट्स को संबोधित करते हुए
प्रोफेसर चंदेल ने व्यक्तिगत विकास में एनसीसी की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला। शिविर में 684 कैडेट भाग ले रहे हैं,
जो विभिन्न विश्वविद्यालयों, 11 कॉलेजों और नौ स्कूलों के वरिष्ठ और कनिष्ठ एनसीसी डिवीजनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
एनसीसी कैडेट्स के व्यापक विकास के उद्देश्य से शिविर का आयोजन 1 एचपी गर्ल्स बटालियन एनसीसी सोलन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संजय शांडिल की देखरेख में किया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त सेना और नागरिक कर्मचारियों की टीम, एनसीसी अधिकारी और विभिन्न शिक्षक भी इस शिविर का हिस्सा है। इस कैंप में कैडेट शारीरिक और हथियार प्रशिक्षण,
अभ्यास, सांस्कृतिक और कौशल विकास गतिविधियों, प्रेरक व्याख्यान, आपदा और स्वास्थ्य प्रबंधन सत्र, सामाजिक जिम्मेदारी पहल और विभिन्न खेल आयोजनों सहित कई गतिविधियों में भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर कर्नल संजय शांडिल ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर चंदेल और छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. केके रैना का स्वागत किया। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र
कर्नल संजय शांडिल ने वार्षिक प्रशिक्षण शिविरों की मेजबानी के लिए विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त किया और शिविर के दौरान आयोजित होने वाली सभी गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
कैडेट्स को अपने संबोधन में प्रोफेसर चंदेल ने अभ्यास के दौरान दिखाए गए अनुशासन के लिए गर्ल्स बटालियन टीम के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने कैडेट्स को शिविर से सीखे गए सबक और अनुशासन को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अच्छे नागरिक के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने प्रतिभागियों से जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने
और मोबाइल स्क्रीन समय को कम करते हुए प्रौद्योगिकी का कुशलतापूर्वक उपयोग करने का आग्रह किया।प्रोफेसर चंदेल ने जीवन कौशल सीखने के महत्व पर भी जोर दिया और प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे खुद को
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औपचारिक शिक्षा तक ही सीमित न रखें बल्कि अपने जुनून की खोज करें और कौशल विकास पर ध्यान दें। उन्होंने प्रेरणा के रूप में विभिन्न क्षेत्रों की सफल महिलाओं के उदाहरणों का हवाला देते हुए कैडेट्स को एक दिन
की सफलता या विफलता से परे बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को इन रोल मॉडलों से सीखने और सफलता के लिए अपना रास्ता खुद बनाने के लिए प्रेरित किया।
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