EDUCATIONAL

गुरुकुल स्कूल में CBSE द्वारा ‘क्षमता निर्माण प्रोग्राम’ के तहत ‘AI इन क्लासरूम ’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

हिमाचल समय, सोलन, 17 अक्टूबर।

गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक दिवसीय क्षमता निर्माण प्रोग्राम के तहत एक कार्यशाला का आयोजन किया गया,

यह भी पढ़े : शूलिनी विवि की शोधकर्ता द्वारा  उज्बेकिस्तान में विश्व कपास अनुसंधान सम्मेलन में भाग

जिसमें शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में सिखाया गया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों के रूप में राजेश वर्मा जो वर्तमान में एम.आर.ए.डी.ए.वी. सोलन में टी.जी.टी. कंप्यूटर साइंस के रूप में

कार्यरत हैं।  वे डी.ए.वी. कैडर के मास्टर ट्रेनर हैं। वे एस.सी.ई.आर.टी.सोलन में एक संसाधन व्यक्ति भी हैं।
दूसरे संसाधन व्यक्ति श्री निखिल शर्मा रहे।

उन्हें आई. टी. के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे वर्तमान में एक प्रशिक्षक और डेटा वैज्ञानिक के रूप में फ्रीलांसर हैं।

कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने विशेषज्ञों का ग्रीन वैलकम किया।

कार्यशाला में विभिन्न सत्र शामिल थे, जैसे:
1. AI का परिचय: AI क्या है और इसका विकास कैसे हुआ?
2. मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग: इनके मूल सिद्धांत और उपयोग।
3. AI का व्यावसायिक अनुप्रयोग: विभिन्न उद्योगों में AI का उपयोग।
4. भविष्य की तकनीकें: आने वाले समय में AI में संभावित बदलाव।
5.विशेषज्ञों ने AI की कई विशेषताओं के बारे में बताया । इसके साथ-साथ शिक्षकों की कार्यभार को कम करने में मदद कर सकती हैं। इस दौरान कई गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया।

इस कार्यशाला का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों, अनुप्रयोगों और अनुसंधान प्रवृत्तियों के बारे में जागरूक करना तथा ज्ञान का आदान-प्रदान, प्रतिभागियों को AI के बारे में

नवीनतम जानकारी और अनुसंधान के निष्कर्षों से अवगत कराना था। प्रतिभागियों को सत्रों के दौरान वक्ताओं से सीधे सवाल पूछने और चर्चा करने का अवसर मिला।

इस प्रकार के संवाद ने उन्हें नए दृष्टिकोण और जानकारी प्राप्त करने में मदद की। प्रतिभागियों ने कार्यशाला में विभिन्न प्रयोगात्मक गतिविधियों में भी भाग लिया, जैसे कि समूह कार्य,

केस स्टडी विश्लेषण और प्रोजेक्ट पर चर्चा। इन गतिविधियों ने उन्हें सैद्धांतिक ज्ञान को व्यावहारिक रूप में लागू करने का अवसर प्रदान किया।

यह भी पढ़े : जीनियस ग्लोबल स्कूल की वार्षिक स्पोर्ट्स मीट, बच्चों ने दिखाई खेलों में ताकत

डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने कहा कि, ‘यह एक विलक्षण कार्यशाला थी और इस तरह के अध्यापन संबंधी रोचक कार्यक्रम का

आयोजन करना निश्चित रूप से शिक्षकों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रति शिक्षित करेगा।’ यह कार्यशाला शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वे तकनीकी कौशल में वृद्धि कर सकते हैं।

हिमाचल की ताज़ा खबरों के लिए join करें www.himachalsamay.com

sv ad

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button