IGMC में आए दिन MRI मशीन खराब रहने से मरीजों को झेलनी पड़ रहीं दिक्कतें
हिमाचल समय, शिमला, 09 फरवरी ।
इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज व अस्पताल में शुक्रवार शाम से MRI मशीन बंद पड़ी है। अस्पताल आ रहे मरीजों को एमआरआई करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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आईजीएमसी में आए दिन या तो मशीनें खराब रहती हैं या फिर मरीजों के समय से टेस्ट नहीं हो पाते है। मशीन खराब होने के चलते शनिवार को भी मरीजों के एमआरआई टेस्ट नहीं हो पाया।
अस्पताल आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। अस्पताल में डी ब्लॉक के रेडियोलॉजी विभाग में सिर्फ एमआरआई मशीन का प्रावधान है।
बता दें कि आईजीएमसी अस्पताल में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज आते है। ऐसे में मशीन के खराब होने के कारण कुछ मरीजों को प्राइवेट सेंटर में जाकर एमआरआई करवाना पड़ रहा हैं।
लंबी एमआरआई की डेट मिलने के साथ ही मशीन खराब होने के कारण मरीज को यह कदम उठाना पड़ रहा है, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
महीनों बाद मिल रही डेट, निराश लौट रहे मरीज
आईजीएमसी अस्पताल में एमआरआई करवाने आए मरीज शनिवार को परेशान होते रहे। एक तो महीनों बाद एमआरआई की डेट और दूसरा एमआरआई की मशीन खराब।
अस्पताल आए मरीजों का कहना है कि वे बड़ी दूर से आए हैं। एक तो दूर से अस्पताल उपचार करवाने आए, ऊपर से अस्पताल में मशीन खराब है। मरीजों ने बताया कि उन्हें महीने पहले की एमआरआई की डेट मिली थी,
परंतु जब वे अस्पताल आए, तब उन्हें यहां कहा गया कि मशीन खराब है। ऐसे और भी मरीज थे, जो दूरदराज के क्षेत्र से अस्पताल उपचार करवाने आए थे, उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
आईजीएमसी में एक ही मशीन
आईजीएमसी अस्पताल के पास सिर्फ एक MRI मशीन होने के कारण लोगों को एमआरआई की सुविधा के लिए महीनों तक का समय दिया जाता है।
आईजीएमसी में एमआरआई की मशीन 2006 में लगवाई गई थी। इस तरह से मशीन को 18 साल हो चुके है। इसके साथ ही लंबी एमआरआई की लंबी डेट मिलने के कारण दूरदराज से आए मरीजों को बहुत परेशानियों का
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सामना करना पड़ता है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज व अस्पताल में हर दिन हजारों की संख्या में मरीज आते है। ऐसे में आए दिन किसी मशीन के खराब होने के कारण और समय से उपचार न मिलने के कारण मरीजों को
दिकतों का सामना करना पड़ रहा है। आईजीएमसी में रोजाना 12 से 15 मरीजों के एमआरआई किए जाते हैं। ऐसे में अगर एक हफ्ते भी मशीन खराब रहती है तो 100 के करीब मरीजों के एमआरआई नहीं हो पाते है।
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